शरीर बल विद्या भाग - 1 | Sharir Bal Vidhya Part-1
- श्रेणी: Health and Wellness | स्वास्थ्य योग / Yoga
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 138
- साइज: 1 MB
- वर्ष: 1937
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दो शब्द :
इस पाठ में शारीरिक व्यायाम और उसकी महत्वता के बारे में चर्चा की गई है। लेखक ने तीन मुख्य सुखों - स्वास्थ्य, संतति और संपत्ति - के संदर्भ में बताया है कि स्वास्थ्य, यानी शारीरिक संपत्ति, सबसे महत्वपूर्ण है। यदि शरीर स्वस्थ है, तो अन्य दो सुख भी आसानी से प्राप्त किए जा सकते हैं। लेखक ने घर पर किए जाने वाले विभिन्न व्यायामों का वर्णन किया है, जिन्हें सरलता से किया जा सकता है। उन्होंने यह भी बताया है कि व्यायाम से शरीर के अंगों की मांसपेशियों को ताकत मिलती है और यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद है। इसके साथ ही, व्यायाम का नियमित रूप से करना जरूरी है ताकि शरीर स्वच्छ और स्वस्थ रहे। पाठ में कई प्रकार के व्यायामों के तरीके बताए गए हैं, जैसे कि दौड़ना, कूदना, और विभिन्न प्रकार की खींचाई के व्यायाम। इन व्यायामों के दौरान शरीर की हर अंग को सक्रिय करने और मांसपेशियों को मजबूत करने का महत्व बताया गया है। इसके अलावा, सही श्वास लेने और मानसिक ध्यान केंद्रित करने की प्रक्रिया का भी उल्लेख किया गया है। अंत में, लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि व्यायाम केवल शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी आवश्यक है। नियमित व्यायाम से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि यह आत्म-विश्वास और मानसिक स्थिरता भी बढ़ाता है।
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