राम कथा: उत्पति और विकास | Ram Katha: Utpatti Or Vikas
- श्रेणी: कहानियाँ / Stories साहित्य / Literature
- लेखक: रेवरेंड फ़ादर कामिल बुल्के - Reverend Fader Kamil Bulke
- पृष्ठ : 856
- साइज: 30 MB
- वर्ष: 1962
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दो शब्द :
इस निबंध में राम-कथा के विकास और उसकी सांस्कृतिक महत्ता का विस्तृत विवेचन किया गया है। लेखक, फादर कामिल बुल्कें, ने राम-कथा की उत्पत्ति, उसके विभिन्न साहित्यिक रूपों और इसके प्रभाव का अध्ययन किया है। पहले भाग में प्राचीन राम-कथा साहित्य का विश्लेषण किया गया है, जिसमें वाल्मीकि की रामायण, महाभारत की राम-कथा, बौद्ध राम-कथा, और अन्य जनकथाओं का उल्लेख है। दूसरे भाग में राम-कथा की उत्पत्ति पर चर्चा की गई है, जिसमें दशरथ जातक, राम-कथा के मूल स्रोत, और प्रारंभिक विकास पर विचार किया गया है। तीसरे भाग में अर्वाचीन राम-कथा साहित्य का अवलोकन किया गया है, जिसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य का वर्णन किया गया है। लेखक ने राम-कथा के विभिन्न रूपों को विभिन्न संस्कृतियों में खोजा है, जिसमें तिब्बत, खोतान, और अन्य देशों में पाए जाने वाले राम-कथा के रूपों का उल्लेख किया गया है। अंत में, राम-कथा की व्यापकता और उसकी सामान्य विशेषताओं पर विचार किया गया है। इस निबंध में राम-कथा की सांस्कृतिक विरासत और उसके वैश्विक प्रभाव को समझने का प्रयास किया गया है, जो भारतीय संस्कृति के लिए एक महत्वपूर्ण प्रतीक है।
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