प्रेमचंद : घर में | Premchand : Ghar Mein

By: शिवरानी देवी प्रेमचन्द - Shivrani Devi Premchand
प्रेमचंद : घर में | Premchand : Ghar Mein by


दो शब्द :

इस पाठ में लेखक प्रेमचंद के बचपन और पारिवारिक जीवन का वर्णन किया गया है। प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को लमही गाँव, बनारस के निकट हुआ था। उनके पिता का नाम अजायबराय और माता का नाम आनंदी देवी था। उनका बचपन कठिनाइयों से भरा रहा, क्योंकि उनकी माता हमेशा बीमार रहती थीं और परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था। लेखक ने अपने बचपन की कुछ घटनाओं का उल्लेख किया है, जैसे कि एक बार उन्होंने खेलते समय एक लड़के का कान काट दिया, जिस पर उनकी माँ ने उन्हें डाटा। इसके अलावा, उन्होंने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर चाचा के पैसे चुराने और उन्हें खर्च करने की घटना को भी याद किया। लेखक ने अपने भाई-बहनों और दादी के साथ बिताए गए समय को भी साझा किया, जिसमें दादी से कहानियाँ सुनना शामिल था। प्रेमचंद ने अपने परिवार की परिस्थितियों का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे पिता की नौकरी के कारण उनका परिवार अक्सर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता रहा। उन्होंने अपने पिता के विभिन्न स्थानों पर तबादले और परिवार में आए परिवर्तनों का भी विवरण दिया। उनका बचपन खेल-खिलौनों और पढ़ाई के बीच बिता, जिसमें दादी से कहानियाँ सुनना और दोस्तों के साथ खेलना शामिल था। लेखक ने अपने पहले स्कूल के अनुभवों, अपने शौक और परिवार के सदस्यों के साथ संबंधों का भी वर्णन किया है। इस पाठ में प्रेमचंद की सरलता, उनकी बचपन की यादें और पारिवारिक रिश्तों के महत्व को दर्शाया गया है, जो उनके साहित्य में भी प्रकट होते हैं।


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