राजस्थान का इतिहास | Rajasthan ka Ithihas
- श्रेणी: Cultural Studies | सभ्यता और संस्कृति इतिहास / History भारत / India
- लेखक: रिमा हूजा - Rima Hooja
- पृष्ठ : 366
- साइज: 14 MB
- वर्ष: 1945
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दो शब्द :
इस पाठ में राजस्थान के ऐतिहासिक महत्व और इसकी ऐतिहासिक लेखन परंपरा की चर्चा की गई है। कर्नल टॉड के योगदान का विशेष उल्लेख है, जिन्होंने 1826 में 'एनाल्स एंड एंटीक्विटीज ऑफ राजस्थान' नामक ग्रंथ प्रकाशित कर राजस्थान के इतिहास को विश्व के मानचित्र पर लाया। इसके अलावा, जोधपुर के दीवान मुहणोत नैणसी और अन्य इतिहासकारों का भी उल्लेख किया गया है, जिन्होंने राजस्थान के इतिहास पर महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे हैं। पाठ में बताया गया है कि कई ऐतिहासिक ग्रंथों में राजाओं के जीवन के बारे में अतिशयोक्तिपूर्ण और पक्षपाती विवरण मिलते हैं, जिससे इतिहास के वास्तविक स्वरूप को छिपाने का प्रयास किया गया है। लेखक ने इस बात पर जोर दिया है कि इतिहासकार को तथ्यों को सही तरीके से प्रस्तुत करना चाहिए, न कि उन्हें तोड़-मरोड़ कर पेश करना चाहिए। आधुनिक काल में कई इतिहासकारों ने राजस्थान के इतिहास को प्रांतीय दृष्टिकोण से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। पाठ में राजस्थान के विभिन्न जन-आंदोलनों, उनकी ऐतिहासिक महत्ता, और जन-साधारण के प्रति उनके प्रभाव की चर्चा भी की गई है। लेखक ने अपनी पुस्तक में राजस्थान की भौगोलिक स्थिति, प्राकृतिक संसाधनों, कृषि, उद्योग, और जनसंख्या का संक्षिप्त वर्णन किया है, ताकि पाठक राजस्थान के इतिहास को बेहतर तरीके से समझ सकें। इसके साथ ही, राजस्थान के विभिन्न राजवंशों का इतिहास, अजमेर सूबे का इतिहास, और राज्य निर्माण संबंधी घटनाओं का भी विस्तृत वर्णन किया गया है। अंत में, लेखक ने अपने अध्ययन में विभिन्न विद्वानों के ग्रंथों का उपयोग करने का उल्लेख किया है और स्वतंत्रता सेनानियों तथा सार्वजनिक कार्यकर्ताओं के प्रति आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने उन्हें सामग्री एकत्रित करने में मदद की।
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