समाज शास्त्र के सिद्धांत | Samaj Shastra Ke Siddhant

By: डी. आर. सचदेव - D. R. Sachdev विद्या भूषण - Vidya Bhushan
समाज शास्त्र के सिद्धांत | Samaj Shastra Ke Siddhant by


दो शब्द :

प्रस्तुत पुस्तक समाजशास्त्र के महत्वपूर्ण सिद्धांतों का संग्रह है, जिसे विद्या भूषण और डी. आर. सचदेव द्वारा लिखा गया है। यह पुस्तक हिंदी में समाजशास्त्र के विभिन्न पहलुओं को समाहित करती है, जो भारतीय संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं। लेखकों ने समाजशास्त्र की विभिन्न परिभाषाएँ, उसके विकास और विधा-क्षेत्र की चर्चा की है, साथ ही समाजशास्त्र की नीतियों और पद्धतियों का वर्णन किया है। पुस्तक में समाजशास्त्र की परिभाषा, इसकी आवश्यकता, और सामाजिक संबंधों के अध्ययन पर जोर दिया गया है। इसमें विभिन्न सामाजिक प्रक्रियाएँ, जैसे समाजीकरण, सामाजिक संरचना, और सामाजिक संगठन का विश्लेषण किया गया है। इसके अतिरिक्त, सामाजिक नियंत्रण, धर्म, नैतिकता, और सामाजिक परिवर्तन के सिद्धांतों पर भी चर्चा की गई है। लेखकों का उद्देश्य पाठकों को समाजशास्त्र के सिद्धांतों के प्रति जागरूक करना और उन्हें एक व्यवस्थित रूप में प्रस्तुत करना है, ताकि छात्र और सिविल सेवा के परीक्षार्थी इसका लाभ उठा सकें। इस पुस्तक में समाजशास्त्र के व्यापक विषयों को सरल और साहित्यिक भाषा में प्रस्तुत किया गया है, जिससे यह पाठकों के लिए उपयोगी बन सके। संक्षेप में, यह पुस्तक समाजशास्त्र के सभी महत्वपूर्ण सिद्धांतों को भारतीय परिप्रेक्ष्य में समझाने का प्रयास करती है और इस क्षेत्र में अध्ययन करने वाले छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण संसाधन है।


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