अग्नि पुरानम | Agni Puranam

By: श्री महर्षि वेदव्यास - shree Maharshi Vedvyas


दो शब्द :

इस पाठ में "अप्रि मद्ापुराण" का उल्लेख किया गया है, जिसे महर्षि वेदव्यास द्वारा लिखा गया माना जाता है। इसे पुराण प्रेमियों और विद्वानों को समर्पित किया गया है। यह पुराण संस्कृत साहित्य की समृद्धि में महत्वपूर्ण योगदान देता है और इसे विश्वकोष के रूप में देखा जाता है। इसमें विभिन्न धार्मिक, दार्शनिक, और सांस्कृतिक विषयों का समावेश है, जैसे कि वेद, उपनिषद, मंत्र, योग, ज्योतिष, और विभिन्न पूजा विधियाँ। पाठ में उल्लेखित विषयों में सर्ग, प्रतिसर्ग, वंश, ब्रत, दान, और ज्योतिष जैसे कई महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं। यह पुराण न केवल धार्मिक ज्ञान प्रदान करता है, बल्कि चिकित्सा, वास्तु, राजनीति, और राज्याभिषेक से संबंधित ज्ञान भी प्रस्तुत करता है। लेखक ने इस ग्रंथ की विशेषताओं का वर्णन करते हुए इसकी व्यापकता और विविधता को उजागर किया है। इसे ज्ञान-विज्ञान का भंडार माना गया है, जिसमें विभिन्न विद्या और शास्त्रों का समावेश है। पाठ के अंत में दर्शाया गया है कि यह ग्रंथ पुराण प्रेमियों के लिए ज्ञान के भंडार के रूप में कार्य करेगा और प्रकाशन में हुई त्रुटियों के लिए पाठकों से क्षमा याचना की गई है। इस प्रकार, यह लेख एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक ग्रंथ की विशेषताओं और इसके महत्व को स्पष्ट करता है।


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