भगवान राम [ भाग १] | BHAGWAN RAM [ BHAG 1]
- श्रेणी: इतिहास / History ग्रन्थ / granth धार्मिक / Religious महकाव्य / mahakavya
- लेखक: मोतीलाल जालान - Motilal Jalan
- पृष्ठ : 113
- साइज: 3 MB
- वर्ष: 1950
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दो शब्द :
इस पाठ में भगवान श्रीराम के जीवन के प्रमुख घटनाक्रमों का वर्णन किया गया है, जिसमें उनके अवतार, विवाह, और वनवास का प्रसंग शामिल है। यह पुस्तक विशेष रूप से बच्चों के लिए लिखी गई है ताकि वे श्रीराम के चरित्र से शिक्षा ले सकें। प्रस्तावना में यह बताया गया है कि भगवान राम के जीवन से बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। पाठ में भगवान राम का अवतार, उनके बचपन की शिक्षाएँ, महर्षि विश्वामित्र के साथ उनके अनुभव, और श्रीराम-सीता के विवाह का वर्णन है। विशेष रूप से, सीता स्वयंवर में जब राजा जनक ने धनुष तोड़ने की चुनौती दी, तब श्रीराम ने एक हाथ से धनुष को तोड़कर सभी को प्रभावित किया। इसके बाद, भगवान राम और सीता का विवाह हुआ, जिसमें लक्ष्मण और भरत का विवाह भी शामिल है। इसके बाद, पाठ में महाराज दशरथ का राम को युवराज बनाने का निर्णय और इसके बाद के घटनाक्रम का उल्लेख है, जिसमें रानी कैकेयी की दासी मंथरा की चालाकी से श्रीराम को चौदह वर्ष के लिए वनवास और भरत को युवराज बनाने का वरदान लेने का प्रसंग है। इस प्रकार, पाठ में भगवान राम के जीवन के विभिन्न पहलुओं को सरल और समझने योग्य तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जिससे बच्चों को न केवल मनोरंजन मिले, बल्कि वे राम के चरित्र से प्रेरणा भी ले सकें।
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