हिंदी प्रवेशिका | Hindi Praveshika

By: शिवनन्दन त्रिपाठी - Shivanandan Tripathi
हिंदी प्रवेशिका | Hindi Praveshika by


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी व्याकरण, शिक्षा प्रणाली, और विभिन्न साहित्यिक विषयों का उल्लेख किया गया है। पं. शिवनंदन त्रिपाठी द्वारा लिखित "हिंदी-व्याकरण" की विशेषताओं का वर्णन किया गया है, जिसमें सरल व्याकरण के अध्ययन से भाषा का ज्ञान प्राप्त करने की बात की गई है। यह पुस्तक विशेष रूप से अंग्रेजी पढ़ने वालों के लिए उपयोगी साबित होती है। इसके बाद, "हिंदी-प्रवेशिका" की चर्चा होती है, जिसमें विभिन्न कविताएं और कहानियाँ शामिल हैं। पाठ में समय के महत्व पर जोर दिया गया है, जिसमें बताया गया है कि समय को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए और उसे सही तरीके से उपयोग करना चाहिए। यह भी कहा गया है कि जीवन में सफलता पाने के लिए समय का सदुपयोग आवश्यक है। राजा दिलीप की कहानी में उनके बल और परिश्रम का वर्णन है। राजा अपने वंश के लिए संतान की खोज करते हैं और गुरु वशिष्ठ के मार्गदर्शन में कामधेनु की सेवा करते हैं। राजा की निस्वार्थ सेवा और उनके कर्तव्यों के प्रति जागरूकता अंततः उन्हें संतान का वरदान दिलाती है। अंत में, "पानी का फेरा" शीर्षक के अंतर्गत यह बताया गया है कि जीवन में सभी चीजें चक्कर लगाती हैं, चाहे वह मनुष्य हो या प्रकृति। यह एक गूढ़ संदेश है कि जीवन का चक्र और समय का प्रवाह निरंतर चलता रहता है, जिसे समझना और स्वीकार करना आवश्यक है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *