आयुर्वेद परिषद निबंधावली | Ayurved Parishad Nibandhavali

By: कविराज रामरक्षा पाठक - Kaviraj Ramaraksha Pathak


दो शब्द :

यह पाठ आयुर्वेद-परिषद के उद्देश्यों और उसकी गतिविधियों पर केंद्रित है। आयुर्वेद-परिषद, गुरुकुल विश्वविद्यालय कांगड़ी की एक प्रमुख सभा है, जिसका मुख्य उद्देश्य आयुर्वेद के विभिन्न विषयों पर चर्चा, शोध और उनके परिणामों को आम जनता के सामने प्रस्तुत करना है। परिषद ने यह निर्णय लिया है कि आयुर्वेद से संबंधित एक मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया जाएगा, हालांकि इसे आधुनिक चुनौतियों के कारण अभी तक शुरू नहीं किया जा सका है। पाठ में यह भी उल्लेख है कि आयुर्वेद की चिकित्सा पद्धति उपयोगी है, लेकिन आधुनिक चिकित्सा के नए अनुसंधानों की उपेक्षा नहीं की जा सकती। इसलिए, आयुर्वेद-परिषद ने आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों पर भी चर्चा और अध्ययन करने का निर्णय लिया है। प्रस्तुत ग्रंथ आयुर्वेद-परिषद की व्याख्यानमाला का संग्रह है, जिसमें आयुर्वेदिक और आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों के लेख शामिल हैं। पाठ में प्रमेह रोग का भी चर्चा की गई है, जिसमें प्रमेह को मूत्र विकार बताया गया है। प्रमेह का अर्थ अधिक मूत्र स्राव होना है, और इसके विभिन्न प्रकारों का वर्णन किया गया है। लेखक ने प्रमेह के लक्षणों, कारणों और इसके उपचार के तरीकों की जानकारी दी है। इसके अलावा, मधुमेह और हस्तिमेह जैसे अन्य मूत्र विकारों के लक्षण, कारण और चिकित्सा विधियों पर भी चर्चा की गई है। इसके अंत में, लेखक ने इस ग्रंथ के प्रकाशन में सहयोग देने वाले सभी विद्वानों और सहयोगियों का धन्यवाद किया है, और आशा व्यक्त की है कि यह ग्रंथ आयुर्वेदिक चिकित्सा को समझने में सहायक होगा।


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