संत-वाणी अंक | Sant - Vaani Ank
- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ Speech and Updesh | भाषण और उपदेश
- लेखक: हनुमान प्रसाद पोद्दार - Hanuman Prasad Poddar
- पृष्ठ : 924
- साइज: 26 MB
- वर्ष: 1946
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दो शब्द :
इस पाठ में संतों की वाणियों का संग्रह किया गया है, जिसमें धार्मिक और आध्यात्मिक संदेश दिए गए हैं। पाठ में विभिन्न देवताओं और संतों के नामों का जप किया गया है, जैसे दुर्गा, गणेश, शिव, राम, कृष्ण आदि। ये जप भक्तों के लिए प्रेरणादायक हैं और उन्हें सुख, शांति और कल्याण की प्राप्ति के लिए प्रेरित करते हैं। पाठ में संतों की वाणियों के महत्व को बताया गया है, जो जीवन को उच्चस्तर पर पहुँचाने में सहायक हैं। इसके साथ ही, पाठ में बताया गया है कि संत वाणी का प्रचार-प्रसार मानवता में दानवता को दूर कर सकता है और उच्च मानवता की प्राप्ति में सहायक सिद्ध हो सकता है। पाठ में पाठकों से अनुरोध किया गया है कि वे अधिक से अधिक नए ग्राहकों को जोड़ें ताकि संत वाणी का प्रचार हो सके और अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। इस प्रकार, यह पाठ धार्मिकता, संतों के प्रति श्रद्धा और मानवता के कल्याण का संदेश देता है।
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