आयुर्वेदीय विश्व- कोष | Aayurvediya Vishav- Kosh

By: वैद्यराज बाबू दलजीत सिंह - Vaidyaraj Babu Daljeet Singh
आयुर्वेदीय विश्व- कोष | Aayurvediya Vishav- Kosh by


दो शब्द :

इस पाठ में आयुर्वेद के पहले खंड के महत्व और उसकी विशेषताओं का वर्णन किया गया है। इसमें विभिन्न आयुर्वेदीय पंडितों और पत्रकारों की सम्मतियों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। पाठ के अनुसार, आयुर्वेदिक शब्दावली का यह संग्रह रोगियों के लिए उपयोगी होगा और यह चिकित्सकों को भी सहायता प्रदान करेगा। पुस्तक में विभिन्न औषधियों और उपचारों के प्रभावों का वर्णन किया गया है, जिसमें आयुर्वेद, यूनानी और डॉक्टरी चिकित्सा के शब्दों का समावेश किया गया है। इसका उद्देश्य आयुर्वेद के ज्ञान को विस्तारित करना और चिकित्सा के क्षेत्र में प्रचलित शब्दों को एकत्रित करना है। पुस्तक की प्रशंसा करते हुए अनेक विद्वानों और संपादकों ने इसके महत्व को स्वीकार किया है और इसे आयुर्वेदिक साहित्य में एक महत्वपूर्ण योगदान बताया है। यह संग्रह न केवल छात्रों और चिकित्सकों के लिए, बल्कि सामान्य पाठकों के लिए भी उपयोगी है, क्योंकि इसमें विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर विस्तृत जानकारी दी गई है। कुल मिलाकर, यह पाठ आयुर्वेद के ज्ञान का एक व्यापक संग्रह प्रस्तुत करता है, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण संसाधन के रूप में कार्य करेगा।


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