होमियोपैथिक चिकित्सा सिद्धांत | Homeopathic Chikitsa Sidhant
- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Health and Wellness | स्वास्थ्य Homoeopathic and Medical Sciences | होमियोपैथिक और चिकित्सा
- लेखक: एस. जी. मुकर्जी - S. G. Mukarji
- पृष्ठ : 294
- साइज: 5 MB
- वर्ष: 1950
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दो शब्द :
इस पाठ में होमियोपैथी चिकित्सा की महत्वता और इसकी सिद्धांतों का वर्णन किया गया है। इसका उद्देश्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में होमियोपैथी को एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाना है। होमियोपैथी, जो कि प्राकृतिक आधार पर आधारित है, रोगों के उपचार के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी विधि मानी जाती है। लेख में बताया गया है कि भारतीय राष्ट्र को स्वस्थ बनाने के लिए उत्तम चिकित्सा पद्धतियों का चयन करना आवश्यक है। इसमें होमियोपैथी को एक महत्वपूर्ण विकल्प के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिसमें रोग के लक्षणों के अनुसार औषधियों का चयन किया जाता है। यह विधि रोगी की समग्र स्थिति का ध्यान रखती है और दीर्घकालिक स्वास्थ्य के लिए स्थायी समाधान प्रदान करने का प्रयास करती है। लेखक ने यह भी उल्लेख किया है कि होमियोपैथी के सिद्धांतों को समझने और उपयोग में लाने के लिए उचित शिक्षा और प्रशिक्षण की आवश्यकता है। इसके माध्यम से चिकित्सक और रोगी दोनों को लाभ मिल सकता है। इस प्रकार, पाठ का सारांश यह है कि होमियोपैथी चिकित्सा एक महत्वपूर्ण और प्रभावी विधि है, जिसे भारतीय चिकित्सा पद्धतियों में उचित स्थान मिलना चाहिए, ताकि यह राष्ट्र की स्वास्थ्य स्थिति में सुधार कर सके।
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