राजस्थान का राजनैतिक एवं सांस्कृतिक इतिहास | Rajasthan Ka Rajanaitik Avam Sanskratik Itiha
- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति इतिहास / History भारत / India
- लेखक: जे. के. ओझा - J. K. Ojha डॉ. के. एस. गुप्ता - Dr. K. S. Gupta
- पृष्ठ : 454
- साइज: 10 MB
- वर्ष: 1968
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दो शब्द :
राजस्थान का राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास एक महत्वपूर्ण विषय है, जो भारतीय इतिहास के मध्यकालीन चरण में विशेष स्थान रखता है। राजस्थान के इतिहास पर शुरू में ज्यादा ध्यान नहीं दिया गया था, हालाँकि कई प्रसिद्ध इतिहासकारों ने इस पर महत्वपूर्ण ग्रंथ लिखे हैं। ये ग्रंथ मुख्यतः राज्यों के विवरणात्मक इतिहास पर केंद्रित रहे हैं। हाल के वर्षों में कुछ इतिहासकारों ने राजस्थान के इतिहास की समग्रता को ध्यान में रखते हुए शोध कार्य किए हैं, लेकिन अभी तक एक समग्र इतिहास लिखने का गंभीर प्रयास नहीं हुआ है। पुस्तक में राजस्थान के राजनीतिक विवरण को भारतीय इतिहास के संदर्भ में प्रस्तुत किया गया है। इसमें मराठा युग और अंग्रेजों से संधि के संबंध में राजस्थान की शक्तियों की भूमिका को भी उजागर किया गया है। इसके साथ ही सांस्कृतिक इतिहास की धारा को समझाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। लेखकों ने यह पुस्तक सामान्य पाठकों, शोधकर्ताओं और विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए उपयोगी बनाने का प्रयास किया है। पुस्तक में ऐतिहासिक स्रोतों का विवरण, पुरातात्विक सामग्री, इमारतों, नगरों और अन्य श्रोतों का उपयोग किया गया है। राजस्थान का इतिहास लिखने में विभिन्न स्रोतों की खोज और संग्रहण की चुनौतियाँ भी सामने आती हैं। पुरातत्व के माध्यम से प्राप्त सामग्री, प्राचीन इमारतें और नगरों के भग्नावशेष इस क्षेत्र के इतिहास को समझने में सहायक होते हैं। इस पुस्तक में Rajasthan के विभिन्न कालों का अध्ययन शामिल है, जैसे प्रारंभिक चौहान काल, मुगलों के साथ राजपूतों की प्रतिक्रिया, मराठा युग, संधियों का युग और 1857 का विद्रोह। सांस्कृतिक परंपराओं, सामाजिक जीवन, धार्मिक जीवन और स्थापत्य कला पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। अंत में, लेखकों ने इस पुस्तक को अध्ययन और शोध के लिए सहायक और प्रेरक मानते हुए इसे प्रस्तुत किया है।
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