विश्व इतिहास की झलक | Vishwa Itihas ki Jhalak

By: पंडित जवाहरलाल नेहरू - Pt. Javaharlal Neharu
विश्व इतिहास की झलक  | Vishwa Itihas ki Jhalak by


दो शब्द :

इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: लेखक ने अपनी किताब को जेल में लिखा, जिसमें उन्होंने इतिहास पर विचार करने का प्रयास किया। उनका उद्देश्य था कि यह किताब न केवल अंग्रेज़ी में, बल्कि हिंदी और उर्दू में भी प्रकाशित हो। लेखक ने बताया कि वे एक लेखक हैं, लेकिन इतिहास के ज्ञाता नहीं हैं। जेल में बिताए गए समय के दौरान उन्होंने अपने विचारों को लिखने का निर्णय लिया और इस प्रक्रिया में उन्हें अपने देश और विदेशों के इतिहास को समझने की कोशिश की। लेखक ने यह भी कहा कि इतिहास को समझने के लिए हमें विभिन्न देशों और संस्कृतियों के बीच के संबंधों को देखना होगा। उन्होंने यह महसूस किया कि एशिया का इतिहास यूरोप के इतिहास के बिना अधूरा है। इस पुस्तक में उन्होंने एशिया के इतिहास को प्रमुखता से शामिल करने की कोशिश की है। लेखक ने भाषा के अनुवाद की कठिनाइयों का भी उल्लेख किया, यह बताते हुए कि वे एक ऐसी 'हिन्दुस्तानी' भाषा में लिखना चाहते हैं जिसमें हिंदी और उर्दू का मिश्रण हो। उन्होंने यह आशा व्यक्त की कि यह पुस्तक पाठकों के लिए उपयोगी साबित होगी, भले ही इसमें कुछ गलतियाँ भी हों। अंत में, लेखक ने अपनी किताब को एक महत्वपूर्ण प्रयास माना और यह इच्छा जताई कि यह काम भविष्य में और भी विकसित होगा, जिससे लोगों को अपने इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को समझने में मदद मिलेगी।


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