संस्कृत साहित्य का इतिहास | Sanskrit Sahitya Ka Itihas

By: ए. बी. कीथ - Arthur Berriedale Keith डॉ मंगलदेव शास्त्री - Dr Mangal Shashtri


दो शब्द :

इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: डा. ए. बी. कीथ द्वारा लिखित "संस्कृत साहित्य का इतिहास" एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो संस्कृत साहित्य के विकास और विशेषताओं का विस्तृत विवेचन करता है। इस पुस्तक का हिंदी अनुवाद डॉ. मद्भलदेव शास्त्री द्वारा किया गया है, और इसका द्वितीय संस्करण 1967 में प्रकाशित हुआ। इस संस्करण में पहले की कमियों को सुधारने का प्रयास किया गया है और विद्वानों से प्राप्त सुझावों का भी ध्यान रखा गया है। पुस्तक में संस्कृत, प्राकृत और अपभ्रंश भाषाओं की उत्पत्ति, विकास और साहित्य में योगदान का विस्तृत वर्णन है। इसमें काव्य, नाटक, गद्य, और धार्मिक ग्रंथों का विश्लेषण किया गया है। प्रमुख काव्यकारों जैसे कालिदास, भवभूति, और भास के कार्यों पर चर्चा की गई है। इसके अतिरिक्त, पुस्तक में भारतीय दर्शन, व्याकरण, और अर्थशास्त्र जैसे विषयों पर भी प्रकाश डाला गया है। पाठक इस ग्रंथ के माध्यम से भारतीय साहित्य के विभिन्न पहलुओं, उनके ऐतिहासिक संदर्भ और सांस्कृतिक महत्व को समझ सकते हैं। संक्षेप में, यह पुस्तक संस्कृत साहित्य के इतिहास, उसके विकास, और उसके विभिन्न रूपों का समग्र अध्ययन प्रस्तुत करती है, जो संस्कृत साहित्य के प्रति रुचि रखने वाले पाठकों के लिए अत्यंत उपयोगी है।


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