ऋग्वेद संहिता (भाषा- भाष्य) सप्तम खण्ड | Rigved Sanhita (bhasha- Bhashya) Saptam Khand
- श्रेणी: Hindu Scriptures | हिंदू धर्मग्रंथ धार्मिक / Religious हिंदू - Hinduism
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ : 736
- साइज: 20 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में विभिन्न धार्मिक और दार्शनिक विचारों का परिचय दिया गया है। इसमें वेदों, विद्वानों, देवताओं और मानवता के कर्तव्यों का वर्णन किया गया है। पाठ में यह बताया गया है कि विद्वानों का ज्ञान और उनका मार्गदर्शन महत्वपूर्ण है, और उन्हें समाज में उचित स्थान पर रखा जाना चाहिए। धर्म और ज्ञान की प्राप्ति के लिए विभिन्न उपायों का उल्लेख किया गया है, जैसे आत्मा का शुद्धिकरण और पापों का त्याग। पाठ में राजा के कर्तव्यों का भी उल्लेख है, जिसमें प्रजा की रक्षा, शिक्षा और कल्याण का ध्यान रखना शामिल है। राजा को अपनी प्रजा के प्रति दयालु और न्यायपूर्ण होना चाहिए। इसके अतिरिक्त, पाठ में परमात्मा के स्वरूप, उसकी शक्तियों और उसके प्रति भक्ति का भी वर्णन किया गया है। यह कहा गया है कि परमेश्वर सभी का पालन करने वाला और जगत का कर्ता है। भक्तों को ध्यान, साधना और ज्ञान के माध्यम से परमात्मा की कृपा प्राप्त करने का उपदेश दिया गया है। पाठ में विद्वानों और साधकों के गुणों, उनके कर्तव्यों, और समाज में उनके स्थान का भी वर्णन है। इस प्रकार, पाठ एक धार्मिक, दार्शनिक और नैतिक शिक्षाओं का संग्रह है, जो मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है।
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