गुप्त साम्राज्य का इतिहास | Gupta Samrajya Ka Itihas
- श्रेणी: इतिहास / History भारत / India
- लेखक: वासुदेव उपाध्याय - Vasudev Upadhyay
- पृष्ठ : 239
- साइज: 5 MB
- वर्ष: 1939
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दो शब्द :
इस पाठ में भारतीय इतिहास के अध्ययन की आवश्यकता और महत्व पर चर्चा की गई है। लेखक ने गुप्त साम्राज्य का इतिहास प्रस्तुत करते समय प्राचीन भारत के इतिहास के अनुसंधान की चुनौतियों का उल्लेख किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया है कि प्राचीन भारत का इतिहास अभी तक पूरी तरह से नहीं लिखा गया है और इसके लिए कई विद्वानों का सहयोग आवश्यक है। गुप्त काल को भारतीय इतिहास में 'सुवर्ण युग' के रूप में माना जाता है, जब भारतीय संस्कृति और सभ्यता ने उच्चतम शिखर को छुआ। इस काल में शिक्षा, साहित्य और कला का व्यापक विकास हुआ। लेखक ने गुप्त साम्राज्य के इतिहास पर आधारित इस ग्रंथ को तैयार करने के लिए अपने अनुभव और अध्ययन का उल्लेख किया है। उन्होंने विभिन्न विद्वानों के विचारों का उल्लेख किया है लेकिन बिना किसी पूर्वाग्रह के अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए हैं। इस ग्रंथ का उद्देश्य गुप्त काल के इतिहास को हिन्दी में प्रस्तुत करना है, जो अब तक अधूरा था। लेखक ने इस कार्य में सहायता करने वाले सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया है, विशेषकर अपने गुरु और विद्वानों का, जिन्होंने उन्हें प्रेरित किया और मार्गदर्शन किया। अंत में, उन्होंने अपनी कामना व्यक्त की है कि यह ग्रंथ पाठकों के लिए उपयोगी साबित हो।
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