अंतरिक्ष अवं नक्षत्र विज्ञानं | Antariksh Avam Nakshatra Vigyan
- श्रेणी: विज्ञान / Science शिक्षा / Education
- लेखक: डॉ जसबीर सिंह - Dr Jasbeer Singh
- पृष्ठ : 216
- साइज: 11 MB
- वर्ष: 2003
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दो शब्द :
यह पाठ अंतरिक्ष और नक्षत्र विज्ञान के विकास, प्राचीन मानव की आकाश के प्रति जिज्ञासा और उसकी खोजों का विवरण प्रस्तुत करता है। प्राचीन काल से लेकर आधुनिक समय तक मानव ने आकाश में उड़ने की संभावनाओं पर विचार किया और अंतरिक्ष यात्रा की तकनीकों को विकसित किया। पाठ में विभिन्न सभ्यताओं जैसे बेबीलन, हिंदू, मिश्र और यूनानियों के नक्षत्रों के प्रति दृष्टिकोण का भी उल्लेख किया गया है। इन सभ्यताओं ने आकाशीय पिंडों को समझने और उनकी पूजा करने का प्रयास किया। उनके लिए आकाश एक दिव्य स्थान था, और उन्होंने देवताओं को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न अनुष्ठान किए। अंतरिक्ष यात्रा की तकनीकी चुनौतियों और मानव प्रयासों का उल्लेख करते हुए, पाठ में उल्लेखित किया गया है कि कैसे अमेरिका और रूस ने अंतरिक्ष में अनुसंधान और यात्रा के लिए प्रयास किए। चंद्रमा पर मानव के पहले कदम और अपोलो मिशन की सफलताओं को भी इस पाठ में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस प्रकार, यह पाठ मानवता की आकाश में यात्रा, विज्ञान और तकनीकी विकास के इतिहास को दर्शाता है तथा आकाश के प्रति मानव की जिज्ञासा और उसके अन्वेषण के प्रयासों को रेखांकित करता है।
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