प्रायोगिक वनस्पति शास्त्र | Prayogik Vanaspati Shastra
- श्रेणी: विज्ञान / Science शिक्षा / Education
- लेखक: जी॰ एस॰ नाथावत - G. S. Nathavat
- पृष्ठ : 227
- साइज: 2 MB
- वर्ष: 1983
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दो शब्द :
यह पाठ "प्रायोगिक वनस्पति शास्त्र" पर केंद्रित है, जिसमें पौधों के अध्ययन के लिए आवश्यक उपकरणों, सूक्ष्मदर्शी के उपयोग, और विभिन्न वनस्पति प्रकारों का विवरण शामिल है। लेखक डॉ. जी. एस. नायथावत ने इसे राजस्थान और मध्य प्रदेश के विश्वविद्यालयों के पाठ्यक्रम के अनुसार लिखा है। पुस्तक की प्रस्तावना में बताया गया है कि सूक्ष्मदर्शी का उपयोग वनस्पति विज्ञान में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पौधों की सूक्ष्म संरचना का अध्ययन करने में मदद करता है। प्रायोगिक अध्ययन के माध्यम से पौधों के सिद्धांत और नियमों को समझने में सहायता मिलती है। पुस्तक में प्रयोगात्मक अध्ययन को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रस्तुत किया गया है, ताकि पाठक आसानी से समझ सकें। इसमें विभिन्न प्रकार के पौधों का वर्गीकरण, उनके शरीर रचना और विशेषताओं का वर्णन है। इसके अलावा, पुस्तक में प्रयोगशाला में किए जाने वाले प्रयोगों के लिए मार्गदर्शन भी दिया गया है, जैसे कि स्लाइड तैयार करने की विधि, पौधों के अंगों का अध्ययन, और उनकी पहचान के लिए आवश्यक लक्षणों का उल्लेख किया गया है। इस पुस्तक का उद्देश्य छात्रों को प्रायोगिक वनस्पति शास्त्र में गहरी समझ प्रदान करना है, ताकि वे अपने अध्ययन में उत्कृष्टता प्राप्त कर सकें। अंततः, लेखक ने पाठकों से सुझाव मांगे हैं ताकि पुस्तक को और बेहतर बनाया जा सके।
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