आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिन्तन | Aadhunik Bharatiya Rajneetik Chintan

By: डॉ. विश्वनाथप्रसाद वर्मा - Dr.Vishwanathprasad Varma


दो शब्द :

इस पाठ में आधुनिक भारतीय राजनीतिक वित्तन और चिंतन का विषय-विवेचन किया गया है। लेखक डॉ. विश्वनाथप्रसाद वर्मा ने भारतीय पुनर्जागरण और राष्ट्रवाद के उदय को समझाने का प्रयास किया है। उन्होंने बताया है कि पिछले सौ वर्षों में एशिया में होने वाले नवजीवन और पुनरुत्थान की घटनाएँ कितनी महत्वपूर्ण रही हैं। विशेष रूप से भारतीय संदर्भ में, ब्रिटिश साम्राज्यवाद के प्रभाव के तहत भारतीय राजनीति में हुए परिवर्तनों को उजागर किया गया है। पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे सोलहवीं शताब्दी से यूरोप के विकास के कारण एशिया विशेषकर भारत को उपनिवेशवाद का सामना करना पड़ा। उन्नीसवीं शताब्दी के मध्य से भारत में राजनीतिक जागरूकता का उदय हुआ, जिसकी प्रेरणा बौद्धिक पुनर्जागरण से मिली। इस पुनर्जागरण ने भारतीय समाज में आत्मनिर्णय और स्वायत्तता की भावना को जागृत किया। लेखक ने विभिन्न नेताओं और विचारकों का उल्लेख किया है जिन्होंने इस राजनीतिक चेतना में योगदान दिया। भारतीय पुनर्जागरण में धार्मिक और सामाजिक सुधारकों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही, जिन्होंने प्राचीन भारतीय ग्रंथों और संस्कृति की ओर लौटने का आह्वान किया। इस प्रकार, पाठ में आधुनिक भारतीय राजनीतिक चिंतन के विकास, उसके ऐतिहासिक संदर्भ और प्रमुख व्यक्तित्वों की भूमिका का स्पष्ट चित्रण किया गया है, जो भारतीय समाज में राजनीतिक जागरूकता और राष्ट्रवाद के उदय की नींव रखता है।


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