चक्रदत्त: | Chakra Datt
- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता साहित्य / Literature
- लेखक: गंगाविष्णु श्रीकृष्णदास - Gangavishnu Shreekrishndas
- पृष्ठ : 366
- साइज: 41 MB
- वर्ष: 1959
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: इस पाठ में आयुर्वेद की महत्ता और इसके विकास की चर्चा की गई है। आयुर्वेद को स्वास्थ्य और रोग उपचार का एक महत्वपूर्ण विज्ञान माना जाता है। पाठ में उल्लेख किया गया है कि आयुर्वेद का उद्देश्य शरीर की आरोग्यता को बनाए रखना और रोगों का उपचार करना है। इसका वर्णन विभिन्न प्राचीन आचार्यों द्वारा किया गया है, जिनमें ब्रह्मा, इंद्र, अग्नि और भरद्वाज का नाम लिया गया है। पाठ में यह भी बताया गया है कि समय के साथ आयुर्वेद की संहिताओं में परिवर्तन आया है और इसके दो मुख्य विभाग हैं: रोग चिकित्सा और स्वास्थ्य रक्षा। इसके साथ ही, चरक संहिता और माधव निदान जैसे महत्वपूर्ण ग्रंथों का भी उल्लेख किया गया है, जो आयुर्वेद के ज्ञान को संकलित करते हैं। जगन्नाथ शर्मा वाजपेयी ने इस पाठ के माध्यम से आयुर्वेद के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे सरल हिंदी में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, ताकि आम लोग इसे समझ सकें और इसका लाभ उठा सकें। पाठ में यह भी कहा गया है कि अगर पाठक किसी भूल का सामना करते हैं, तो उन्हें लेखक या प्रकाशक को सूचित करना चाहिए ताकि भविष्य में सुधार किया जा सके। अंत में, यह पाठ आयुर्वेद के अध्ययन और प्रचार-प्रसार के लिए एक प्रेरणादायक कार्य है, जिसमें इसे एक सटीक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने का प्रयास किया गया है।
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