अंक ज्योतिष | Ank Jyotish
- श्रेणी: ज्योतिष / Astrology स्वसहायता पुस्तक / Self-help book
- लेखक: राकेश शास्त्री - Rakesh Shastri
- पृष्ठ : 264
- साइज: 4 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में भारतीय ज्योतिष और संख्याओं के महत्व का विश्लेषण किया गया है। इसमें बताया गया है कि संख्या और शब्दों के बीच एक गहरा संबंध है, जिसे प्राचीन ऋषियों ने समझा था। हर देवता और ग्रह के साथ एक निश्चित संख्या जुड़ी होती है, जो उनके मंत्रों के जाप की संख्या निर्धारित करती है। उदाहरण के लिए, सूर्य के मंत्र का जाप 7000 बार, चंद्रमा का 11000 बार किया जाता है। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि विभिन्न संख्याएं और उनके अर्थ विभिन्न संस्कृतियों में कैसे भिन्न हो सकते हैं। जैसे, 13 का संख्या कुछ समाजों में अशुभ मानी जाती है, जबकि अमेरिका में इसे शुभ माना जाता है। संख्या का महत्व केवल व्यक्तिगत जीवन में नहीं, बल्कि राष्ट्रों और उनके इतिहास में भी महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा, पाठ में जन्म तिथि के आधार पर लोगों की मूल संख्या के महत्व पर जोर दिया गया है। मूल संख्या व्यक्ति के स्वभाव, विचार और कार्यों को प्रभावित करती है। उदाहरण के लिए, मूल संख्या 1 वाले व्यक्तियों को स्वतंत्रता पसंद होती है और वे अनुशासन में नहीं रहना चाहते। इसी प्रकार, मूल संख्या 2 वाले व्यक्ति कलाप्रिय और सहानुभूतिशील होते हैं। अंत में, पाठ में यह बताया गया है कि शुभ कार्यों और महत्वपूर्ण निर्णयों के लिए सही तारीखें चुनना कितना महत्वपूर्ण है। विभिन्न मूल संख्याओं के प्रभाव और उनके स्वामी ग्रहों का भी उल्लेख किया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ज्योतिष और संख्या विज्ञान का अध्ययन एक गहन और व्यापक विषय है, जो व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
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