आर्थिक विचारों का इतिहास | History of Economic Thought
- श्रेणी: अर्थशास्त्र / Economics इतिहास / History
- लेखक: एच. आर. गोदारा - H. R. Godara
- पृष्ठ : 404
- साइज: 8 MB
- वर्ष: 1993
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दो शब्द :
यह पाठ "आर्थिक विचारों का इतिहास" पर आधारित है, जिसमें लेखक एच. आर. गोदारा ने आर्थिक विचारों के विकास और उनके महत्व का विश्लेषण किया है। यह मानव समाज के आर्थिक चिंतन की गहराई और विविधता को दर्शाता है। लेखक का कहना है कि मानव स्वभाव से विचारशील है और उसकी जिजीविषा उसे लगातार सोचने के लिए प्रेरित करती है। आर्थिक विचारों को मानव जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया गया है, क्योंकि ये सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और धार्मिक परिवेश के निर्माण में सहायक होते हैं। पाठ में आर्थिक विचारों के इतिहास की भूमिका को समझाते हुए बताया गया है कि यह विषय विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं, शिक्षकों और सामान्य नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है। लेखक ने आर्थिक विचारों के इतिहास को एक संगठित रूप में प्रस्तुत करने का प्रयास किया है, जिसमें विभिन्न विचारकों और उनके सिद्धांतों का समावेश किया गया है। इस पुस्तक में आर्थिक विचारों के विकास को विभिन्न चरणों में समझाया गया है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि आर्थिक इतिहास और आर्थिक विचारों का इतिहास एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं, लेकिन फिर भी भिन्न हैं। आर्थिक इतिहास समाज के आर्थिक विकास का अभिलेख होता है, जबकि आर्थिक विचारों का इतिहास मानव के आर्थिक चिंतन का विवरण है। अंत में, लेखक ने पाठकों से अपेक्षा की है कि वे इस रचना को पढ़कर अपने ज्ञान में वृद्धि करें और इसके प्रति अपने विचार साझा करें। उन्होंने उन सभी का आभार व्यक्त किया है, जिन्होंने इस पुस्तक के लेखन में उनका सहयोग किया।
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