तत्वार्थ -रामायण | Tatvarth- Ramayan
- श्रेणी: धार्मिक / Religious महकाव्य / mahakavya
- लेखक: रामचन्द्र - Ramchandra
- पृष्ठ : 710
- साइज: 37 MB
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दो शब्द :
इस पाठ में "तत्वार्थं रामायण" का हिंदी अनुवाद प्रस्तुत किया गया है, जिसे श्री डोगरे जी महाराज द्वारा लिखा गया है। यह ग्रंथ भक्तों के लिए एक अमूल्य निधि है। डोगरे जी महाराज की कथा सुनने के लिए लोग बड़ी संख्या में इकट्ठा होते हैं, और उनकी वाणी में भक्ति का गहरा अनुभव होता है। पाठ में बताया गया है कि कैसे यह ग्रंथ भक्तों की भक्ति को और बढ़ाने का कार्य करेगा और किस प्रकार से इसे पढ़ने पर ऐसा अनुभव होता है जैसे कि भक्त स्वयं महाराज जी से कथा सुन रहे हैं। इस ग्रंथ के प्रकाशन का उद्देश्य भक्तों को सरल भाषा में रामायण और भागवत की कथा उपलब्ध कराना है, ताकि वे इसे पढ़कर आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त कर सकें। पाठ में यह भी उल्लेखित है कि इस ग्रंथ के प्रकाशन के लिए कई संस्थाओं का योगदान है, और इसमें किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिए पाठकों से क्षमा याचना की गई है। आगे पाठ में हनुमान प्रसाद पोदार स्मारक समिति के कार्यों का उल्लेख किया गया है, जिसमें समाज सेवा, आध्यात्मिक जागरूकता और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार शामिल है। यह समिति अस्पतालों का निर्माण कर रही है ताकि गरीब और जरूरतमंद रोगियों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा सकें। पाठ में यह भी बताया गया है कि समाज के सहयोग से ही इन योजनाओं को सफल बनाया जा सकता है और पाठकों से अपील की गई है कि वे इस कार्य में योगदान दें। इस प्रकार, यह पाठ धार्मिक ग्रंथों के महत्व, समाज सेवा, और भक्ति के प्रति समर्पण को दर्शाता है।
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