हिन्दुस्तान की कहानी | Hindustan Ki Kahani

By: पंडित जवाहरलाल नेहरू - Pandit Jawaharlal Nehru


दो शब्द :

इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: पंडित जवाहरलाल नेहरू ने अपनी पुस्तक "हिंदुस्तान की कहानी" में भारत की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का विस्तृत वर्णन किया है। यह पुस्तक उन्होंने अहमदनगर किले की जेल में लिखी थी, जहां उन्होंने अपने साथियों से संवाद किया और उनके विचारों को शामिल किया। संपादक रामचंद्र टंडन ने इस काम में योगदान दिया है, जिसमें उन्होंने अनुवाद के दौरान हिंदी और उर्दू भाषाओं के बीच के संबंधों पर चर्चा की है। उन्होंने यह भी बताया कि इस पुस्तक का अनुवाद करते समय उन्होंने "हिंदुस्तानी शैली" का प्रयोग किया है, जो कि साहित्यिक विचारों को प्रस्तुत करने में सक्षम है। नेहरू ने पुस्तक में यह उल्लेख किया है कि उनका काम जेल के कठिन माहौल में हुआ, लेकिन उन्होंने अपने साथी कैदियों से सीखे गए विचारों से लाभ उठाया। उन्होंने विभिन्न भाषाओं और संस्कृतियों का उल्लेख किया और बताया कि कैसे ये सभी भारत की समृद्धि में योगदान करती हैं। पुस्तक के प्रारंभ में नेहरू ने जेल में बिताए गए समय का वर्णन किया और उन विचारों को साझा किया जो उन्होंने अपने साथियों के साथ चर्चा के दौरान विकसित किए। उन्होंने यह भी बताया कि जेल का अनुभव उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण लेकिन ज्ञानवर्धक रहा। अंत में, नेहरू ने अपनी रचना को एक पुराने व्यक्तित्व की पहचान के रूप में देखा, जो उनके जीवन के एक महत्वपूर्ण हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने यह स्वीकार किया कि समय के साथ उनके विचार और दृष्टिकोण में परिवर्तन आया है, और यह पुस्तक उनके अतीत का एक अंश है।


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