षट्पन्चाशिका | Shatpanchashika
- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता संस्कृत /sanskrit साहित्य / Literature
- लेखक: रामकृष्ण - Ramkrishn
- पृष्ठ : 115
- साइज: 1 MB
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ का सारांश विभिन्न ज्योतिषीय सिद्धांतों और उनकी व्याख्याओं पर आधारित है। इसमें मुख्य रूप से विभिन्न ग्रहों की स्थिति, उनके प्रभाव, और जातक के जीवन पर उनके प्रभाव का विश्लेषण किया गया है। पाठ में ग्रहों की स्थिति के अनुसार व्यक्ति के सुख-दुख, स्वास्थ्य, भाग्य, और अन्य महत्वपूर्ण जीवन घटनाओं का पूर्वानुमान करने की विधियों का वर्णन किया गया है। विभिन्न ग्रहों की चाल, जैसे कि स्थिर और चर राशियों का प्रभाव, विवाह, धन, और व्यक्तिगत संबंधों पर चर्चा की गई है। इसके अलावा, पाठ में यह भी बताया गया है कि कैसे विभिन्न ग्रहों की स्थिति से व्यक्ति की समृद्धि या विपत्ति का निर्धारण होता है। उदाहरण के लिए, स्थिर ग्रह शुभ होते हैं, जबकि चर ग्रह अधिक परिवर्तनशीलता लाते हैं। इस प्रकार, यह पाठ ज्योतिष के विभिन्न पहलुओं, जैसे ग्रहों की स्थिति, राशि, और उनके प्रभावों के आधार पर जीवन के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण करता है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.