पवित्र कुरान | Pavitra Quran
- श्रेणी: Islamic | इस्लामी धार्मिक / Religious
- लेखक: अज्ञात - Unknown
- पृष्ठ :
- साइज: 8 MB
- वर्ष: 1955
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दो शब्द :
इस पाठ में ईश्वर की महानता और उसके प्रति मानव की कृतज्ञता की भावना पर चर्चा की गई है। यह बताया गया है कि ईश्वर सभी सृष्टियों का पालक और देखरेख करने वाला है, और हर वस्तु उसके द्वारा ही अस्तित्व में है। पाठ में यह भी उल्लेख किया गया है कि ईश्वर के उपकारों की महानता के कारण मानव को उसकी प्रशंसा और कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए। सृष्टि का हर अंग ईश्वर के अस्तित्व का प्रमाण है, और यदि किसी भी चीज़ का अस्तित्व है, तो वह ईश्वर की कृपा से ही है। इसके अलावा, पाठ में यह बताया गया है कि ईश्वर की कृपा केवल एक जाति या देश तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समस्त मानवता के लिए है। पाठ में यह भी उल्लेख है कि इस संसार की आयु सीमित है और एक दिन सभी को उनके कर्मों का फल देखना होगा। इस दिन को "बदले का दिन" कहा गया है। यह दिन ईश्वर के न्याय का प्रतीक है, जहां सभी को उनके अच्छे और बुरे कर्मों का फल दिया जाएगा। इस प्रकार, पाठ में ईश्वर की कृपा, सृष्टि की महानता, और मानव की कृतज्ञता के सिद्धांतों को समझाया गया है।
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