संत कबीर | Sant Kabir

By: कबीरदास - Kabirdas
संत कबीर | Sant Kabir by


दो शब्द :

संत कबीर भारतीय साहित्य के महान कवियों में से एक हैं, जिन्होंने अपने काव्य के माध्यम से जीवन की गहन अनुभूतियों को व्यक्त किया है। उनका काव्य भौगोलिक और सांस्कृतिक सीमाओं को पार करके सार्वभौमिकता का प्रतीक बन गया है। कबीर की विचारधारा भारतीय सांस्कृतिक विकास में महत्वपूर्ण स्थान रखती है, जिससे यह कहा जा सकता है कि उनका काव्य मध्यकालीन भारतीय साहित्य का एक अभिन्न हिस्सा है। हालांकि, कबीर के काव्य का असली रूप अभी तक प्रकट नहीं हो पाया है, क्योंकि जो भी संग्रह प्रकाशित हुए हैं, वे प्रामाणिक प्राचीन प्रतियों पर आधारित नहीं हैं। काशी की नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित कबीर ग्रंथावली का पाठ भी संदिग्ध है। इसके विपरीत, सिख धर्म के ग्रंथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब में कबीर के काव्य की प्रामाणिकता अधिक है, क्योंकि यह 1604 में संकलित किया गया था और इसकी सुरक्षा की गई है। कबीर के पदों को हिंदी में प्रस्तुत करने के लिए रामकुमार वर्मा ने पिछले बारह वर्षों में कबीर के काव्य का अध्ययन किया है। उन्होंने कबीर की अनुभूतियों को समझने और उनके विचारों का अनुसंधान करने का प्रयास किया है। कबीर के ज्ञान का स्रोत प्राचीन हस्तलिखित ग्रंथ और कबीर-पंथ के महात्माओं के वचन हैं। उन्होंने भारत के प्रमुख कबीर-पंथ के मठों की यात्रा की और साधुओं से ज्ञान प्राप्त किया। इस पुस्तक में संत कबीर के पदों का सावधानीपूर्वक पाठ प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक के प्रकाशन में वर्मा को कई व्यक्तियों और संस्थाओं से सहायता मिली, जिनका उन्होंने आभार व्यक्त किया है। उन्होंने अपनी साधना का सारांश प्रस्तुत करते हुए कबीर के काव्य को प्रामाणिकता के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना है। उनके अनुसार, संत कबीर का यह पाठ कबीर के प्रेमियों और विद्याार्थियों के लिए लाभकारी होगा।


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