राजस्थानी कहावत कोश | Rajasthani Kahavat Kosh
- श्रेणी: भारत / India साहित्य / Literature
- लेखक: भागीरथ कानोडिया - Bhagirath Kanodia
- पृष्ठ : 439
- साइज: 15 MB
- वर्ष: 1936
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दो शब्द :
प्रस्तुत पाठ में "राजस्थानी कहावत कोश" की चर्चा की गई है, जो लोक संस्कृति के संदर्भ में एक महत्वपूर्ण कृति है। लेखक गोविन्द अग्रवाल ने इस कोश के माध्यम से राजस्थानी कहावतों को संकलित किया है, जिससे यह दर्शाया जा सके कि कैसे कहावतें समाज की सोच, अनुभव और सांस्कृतिक विरासत को प्रकट करती हैं। कहावतें विभिन्न भाषाओं में प्रचलित हैं और भारत में विशेष रूप से राजस्थान में इनका बड़ा भंडार मौजूद है। ये कहावतें न केवल सामाजिक और आर्थिक संदर्भों को दर्शाती हैं, बल्कि मानव जीवन के विभिन्न पहलुओं को भी उजागर करती हैं। पाठ में बताया गया है कि ये कहावतें पीढ़ी दर पीढ़ी चलती आ रही हैं, लेकिन आधुनिकता के चलते इनका अस्तित्व संकट में है। लेखक ने उल्लेख किया है कि राजस्थानी कहावतों का संग्रह चूरू और शेखावाटी क्षेत्र की लोकसंस्कृति का प्रतिनिधित्व करता है। इस कोश में 3206 कहावतें और लगभग 350 संदर्भ कथाएं शामिल की गई हैं, जो कहावतों के अर्थ को स्पष्ट करती हैं। कोश की संपादक मंडली का कार्य उल्लेखनीय है, और उन्हें उम्मीद है कि यह कृति पाठकों और समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। इस तरह, "राजस्थानी कहावत कोश" लोक साहित्य का एक महत्वपूर्ण संग्रह है, जो राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर को संजोने का प्रयास करता है। इसके माध्यम से युवा पीढ़ी को अपने लोक ज्ञान और संस्कृति से जोड़ने की कोशिश की गई है।
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