क्या खोया क्या पाया | Kya Khoya Kya Paya

By: रामेश्वर तांतिया - Rameshwar Tantia


दो शब्द :

इस पाठ में रामेश्वर टांटिया की जीवन यात्रा, उनकी विशेषताएँ और उनके द्वारा लिखी गई डायरी का उल्लेख किया गया है। लेखक ने टांटिया जी को एक साधारण, परोपकारी और संघर्षशील व्यक्ति के रूप में प्रस्तुत किया है। वे व्यवसायी होने के साथ-साथ सामाजिक, राजनीतिक और साहित्यिक विषयों में रुचि रखते थे। लेखक ने उनके व्यक्तित्व के गहरे पहलुओं को उजागर करते हुए बताया है कि टांटिया जी की साधु प्रकृति और सेवा भावना ने उन्हें समाज में एक विशेष स्थान दिलाया। लेखक ने टांटिया जी की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है और बताया है कि उनके जाने से समाज में एक रिक्तता उत्पन्न हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि जीवन का चक्र निरंतर चलता रहता है और हमें अपनी जिम्मेदारियों को निभाते रहना चाहिए। टांटिया जी ने अपने जीवन में जो संघर्ष किए, वे उनकी डायरी में दर्ज हैं, जिसमें उन्होंने अपने विचार, अनुभव और जीवन की घटनाओं को ईमानदारी से लिखा है। टांटिया जी की डायरी को उनके जीवन का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ माना गया है, जो उनके आत्मविश्लेषण और समाज के प्रति उनकी दृष्टि को दर्शाती है। पाठ में यह भी बताया गया है कि उन्होंने अपने जीवन में संयम और संतुलन बनाए रखा, जो कि गीता के सिद्धांतों के अनुरूप था। अंत में, लेखक ने यह संकेत दिया है कि टांटिया जी का जीवन प्रेरणादायक है और उनकी डायरी से हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक सीखने को मिलते हैं।


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