भारतेन्दु ग्रन्थावली | Bhartendu Granthavali

By: ब्रजरत्न दास - Brajratna Das भारतेन्दु हरिचन्द्र - Bharatendru Harichandra
भारतेन्दु ग्रन्थावली | Bhartendu Granthavali by


दो शब्द :

इस पाठ में भारत-भूषण भारतेन्दु हरिश्वंद्र के समग्र कविताओं के संग्रह की चर्चा की गई है। यह संग्रह उनके काव्य-ग्रंथों और स्फुट कविताओं का समावेश करता है। पाठ के प्रारंभ में यह बताया गया है कि 25 जनवरी 1930 को भारतेन्दु जी का स्वर्गवास हुआ था और इस अवसर पर उनकी कृतियों का यह संकलन प्रस्तुत किया जा रहा है। संकलनकर्ता ब्रजरत्नदास ने यह उल्लेख किया है कि इस ग्रंथ के पहले खंड में भारतेन्दु जी की जीवनी और उनकी कृतियों की आलोचना होगी, जबकि तीसरे खंड में उनके नाटक और चौथे खंड में उनके गद्य लेख होंगे। यह संकलन हिंदी प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जिसमें भारतेन्दु जी की रचनाओं को एकत्रित करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। संकलन के लिए विभिन्न स्रोतों से काव्य सामग्री एकत्र की गई है, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण सामग्री अप्राप्त रही, जिसके लिए पाठकों से अपील की गई है कि वे यदि उनके पास कोई ऐसी कविता है, जो इस संग्रह में नहीं है, तो उसे साझा करें। संकलन में कविताओं की प्रस्तुति उनके मूल रूप में करने का प्रयास किया गया है, हालांकि कुछ स्थानों पर शब्दों के रूप में भिन्नता और छापाई की त्रुटियों के कारण कठिनाई आई है। अंततः, पाठ में यह भी कहा गया है कि ग्रंथ का प्रकाशन जल्दी में हुआ है और इससे कुछ त्रुटियाँ हो सकती हैं, जिनके लिए पाठकों से क्षमा याचना की गई है। इस संकलन को विभिन्न व्यक्तियों और संस्थानों की मदद से प्रकाशित किया गया है और सभी सहयोगियों का धन्यवाद किया गया है। यह संग्रह भारतेन्दु जी की काव्य प्रतिभा को उजागर करता है और हिंदी साहित्य में उनके योगदान को समर्पित है।


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