मध्य कालीन राजस्थान का इतिहास | Madhya Kaleen Rajasthan Ka Itihas
- श्रेणी: इतिहास / History भारत / India शिक्षा / Education
- लेखक: प्रो हेतसिंह वघेला - Prof. Heatsingh Vaghela
- पृष्ठ : 208
- साइज: 4 MB
- वर्ष: 1960
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में सध्यकालीन राजस्थान के इतिहास का समग्र अध्ययन किया गया है, विशेष रूप से 200 से 376 ईस्वी तक की अवधि पर ध्यान केंद्रित किया गया है। लेखक प्रो. हेतसिंह बधेला ने बताया है कि मध्यकालीन राजस्थान का इतिहास महत्वपूर्ण है और इसे समझने के लिए विभिन्न ऐतिहासिक स्रोतों का अध्ययन आवश्यक है। पुस्तक में मध्यकालीन राजस्थान के विविध पहलुओं जैसे राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक स्थितियों का विवेचन किया गया है। इसमें महाराणा कुम्भा और महाराणा प्रताप जैसे राजाओं की भूमिका, तुर्की आक्रमणों का प्रतिरोध, और राजपूतों की सामरिक नीतियों का उल्लेख है। राजस्थान के मध्यकालीन इतिहास का अध्ययन करने के लिए विभिन्न स्रोतों का वर्गीकरण किया गया है, जिसमें पुरातात्विक स्रोत, अभिलेखीय स्रोत, और ऐतिहासिक साहित्य शामिल हैं। लेखक ने यह भी बताया है कि कैसे विभिन्न ऐतिहासिक घटनाओं ने राजस्थान के इतिहास को आकार दिया है और किस प्रकार के स्रोतों का उपयोग करके इन घटनाओं का अध्ययन किया जा सकता है। इस पुस्तक का उद्देश्य राजस्थान के इतिहास को एक समग्र दृष्टिकोण से समझाना है, ताकि इसे विश्वविद्यालय स्तर पर पढ़ाई के लिए उपयोगी बनाया जा सके। लेखक ने इस दिशा में प्रयास करने वाले सभी विद्वानों का आभार व्यक्त किया है और आशा जताई है कि यह पुस्तक विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं के लिए सहायक सिद्ध होगी।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.