दोहा-कोष | Doha-kosh by


दो शब्द :

इस ग्रंथ का संपादन महापंडित राहुल सांकृत्यायन ने किया है, जो हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण शोध कार्यों के लिए जाने जाते हैं। यह ग्रंथ सिद्ध सरहपाद की भोट भाषा में लिखी कविता का संग्रह है, जिसे राहुल जी ने हिंदी में अनुवादित किया है। राहुल जी के शोध कार्यों ने हिंदी साहित्य के अध्ययन में नया दृष्टिकोण प्रस्तुत किया है और इस ग्रंथ के माध्यम से शोधकर्ताओं को प्राचीन हिंदी साहित्य से संबंधित नई सामग्री उपलब्ध होगी। संपादक ने उल्लेख किया है कि हिंदी साहित्य में शोध कार्यों की प्रवृत्ति बढ़ रही है, लेकिन अभी भी इस दिशा में अधिक प्रयास की आवश्यकता है। राहुल जी के कार्यों ने विशेष रूप से उन शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा प्रदान की है जो प्राचीन हिंदी साहित्य की खोज में लगे हैं। ग्रंथ में सिद्ध सरहपाद की कविताओं का अनुवाद और उनके अर्थ के साथ टिप्पणियाँ शामिल हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि राहुल जी ने इस कार्य में गहन अध्ययन और श्रम किया है। इस ग्रंथ के प्रकाशन से हिंदी भाषा और साहित्य के क्षेत्र में नई संभावनाएँ उत्पन्न होंगी, और यह हिंदी साहित्य की एक महत्वपूर्ण देन मानी जाएगी। इस प्रकार, यह ग्रंथ न केवल सिद्ध सरहपाद की रचनाओं को उजागर करता है, बल्कि हिंदी साहित्य के शोधकर्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण सामग्री के रूप में भी कार्य करेगा।


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