महाभारत (उद्योग पर्व) | Mahabharat (Udyog Parv)

By: रामस्वरूप शर्मा - Ramswarup Sharma


दो शब्द :

यह पाठ "महाभारत" का एक अंश है, जिसमें पांडवों और कौरवों के बीच होने वाले संघर्ष और संवादों का वर्णन किया गया है। इसमें श्रीकृष्ण, युधिष्ठिर, भीम, दुर्योधन, और धृतराष्ट्र जैसे प्रमुख पात्रों के बीच बातचीत और विचारों का आदान-प्रदान होता है। पाठ में विभिन्न घटनाओं का विवरण दिया गया है, जैसे कि युधिष्ठिर का जुआ खेलना, दुर्योधन का अहंकार, और पांडवों का अपनी स्थिति को समझने का प्रयास। कई अध्यायों में विभाजित यह पाठ उन राजनीतिक और नैतिक द dilemmas को दर्शाता है, जो युद्ध के समय सामने आते हैं। इसमें समझौता, युद्ध की तैयारी, और विभिन्न पात्रों की भावनाएं तथा प्रतिक्रियाएं शामिल हैं। संवादों के माध्यम से यह स्पष्ट किया गया है कि कैसे व्यक्तिगत और सामूहिक हितों के बीच संतुलन बनाना एक चुनौती है। इस पाठ का मुख्य उद्देश्य महाभारत की गहराई और जटिलताओं को उजागर करना है, जहां धर्म, अधर्म, और मानव स्वभाव के विभिन्न पहलुओं को परखा गया है।


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