धरव योग विज्ञानं | Dharav Yog Vigyan
- श्रेणी: Health and Wellness | स्वास्थ्य योग / Yoga
- लेखक: भास्कर गोविन्द घाणेकर - Bhaskar Govind Ghanekar
- पृष्ठ : 644
- साइज: 24 MB
- वर्ष: 1952
-
-
Share Now:
दो शब्द :
इस पाठ में आयुर्वेद, दवा विज्ञान (फार्माकोलॉजी) और चिकित्सकीय प्रक्रियाओं के बारे में चर्चा की गई है। लेखक ने द्रव्यगुण विज्ञान और इसके विभिन्न पहलुओं का वर्णन किया है, जिसमें औषधियों के गुण, उनके उपयोग, और चिकित्सा में उनकी भूमिका पर प्रकाश डाला गया है। पाठ में बताया गया है कि दवाओं के गुण और कर्म का ज्ञान आवश्यक है ताकि उनकी प्रभावशीलता को समझा जा सके और उचित उपचार के लिए उनका उपयोग किया जा सके। आधुनिक चिकित्सा पद्धतियों की तुलना में आयुर्वेद में दवाओं के प्रयोग का अनुभव और ज्ञान महत्वपूर्ण है। पाठ में यह भी उल्लेख है कि दवाओं के विष प्रभावों को समझना भी उतना ही आवश्यक है, ताकि अनुपयुक्त या अधिक मात्रा में सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों से बचा जा सके। लेखक ने दवा विज्ञान के विभिन्न वर्गों, जैसे कि एम्पिरिकल थेरापी और रेशनल थेरापी, का उल्लेख किया है, जो चिकित्सा पद्धतियों में अनुभव और विज्ञान के आधार पर दवाओं के चयन को दर्शाते हैं। इसके साथ ही, फार्माकोपिया (योग ग्रंथ) के महत्व का भी उल्लेख किया गया है, जो विभिन्न औषधियों के गुण और उनके उपयोगों का संग्रह है। पाठ में यह स्पष्ट किया गया है कि हर देश की अपनी फार्माकोपिया होती है, जिसमें वहां की औषधियों का विवरण होता है। कुल मिलाकर, पाठ में चिकित्सा विज्ञान के विकास, दवाओं के गुण, उनके प्रयोग के तरीके, और औषधीय ग्रंथों के महत्व पर गहन विचार किया गया है।
Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.