पंचदसी ऑफ़ विद्यारण्य | Panchdashi of Vidyaranya
- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता दार्शनिक, तत्त्वज्ञान और नीति | Philosophy धार्मिक / Religious
- लेखक: एम् स्रीनिवास राउ - M SriNivasa Rau
- पृष्ठ : 820
- साइज: 14 MB
- वर्ष: 1912
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दो शब्द :
इस पाठ में अद्वितीयता और आत्मा के ज्ञान पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह बताने का प्रयास किया गया है कि आत्मा, जो कि सत्य और आनंद का स्रोत है, वह हर व्यक्ति में विद्यमान है। आत्मा का अनुभव करने के लिए व्यक्ति को अपने भीतर की ओर देखना होगा और बाहरी संसार के प्रभावों से मुक्त होना होगा। पाठ में यह भी उल्लेख है कि आत्मा का ज्ञान प्राप्त करने के लिए, साधक को विभिन्न साधनाओं का पालन करना चाहिए, जैसे ध्यान और साधना, जिससे वह अपने वास्तविक स्वरूप को पहचान सके। यहां परमात्मा और आत्मा के बीच के संबंध को स्पष्ट किया गया है, जिसमें बताया गया है कि आत्मा और परमात्मा में एकता है। अंततः, यह पाठ यह संदेश देता है कि आत्मा की पहचान और उसके अनुभव से ही व्यक्ति को सच्चा सुख और शांति मिलती है। आत्मा का ज्ञान ही जीवन का सर्वोत्तम उद्देश्य है।
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