पंचवटी | Panchwati
- श्रेणी: Vedanta and Spirituality | वेदांत और आध्यात्मिकता धार्मिक / Religious
- लेखक: मैथिलीशरण गुप्त - Maithilisharan Gupt
- पृष्ठ : 74
- साइज: 4 MB
- वर्ष: 1982
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दो शब्द :
"पञ्चवटी" महाकवि मैथिलीशरण गुप्त की एक रचना है, जिसमें राम और सीता के वनवास का वर्णन किया गया है। इस काव्य में राम के त्याग और बलिदान, लक्ष्मण की निष्ठा तथा सीता के प्रति उनके प्रेम को दर्शाया गया है। कविता की शुरुआत में चारु चंद्र की किरणों के बीच प्रकृति की सुंदरता का चित्रण है। लेखक ने पञ्चवटी के शांत वातावरण और वहां की प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन किया है, जिसमें कुटीर, धीर-वीर धनुर्धर राम का ध्यान एवं उनकी साधना को दर्शाया गया है। राम का त्याग और उनके प्रति लक्ष्मण एवं सीता की भक्ति को बखूबी पेश किया गया है। कविता में राम द्वारा वनवास के दौरान के अनुभवों और विचारों को गहराई से व्यक्त किया गया है। राम का त्याग, सीता का प्रेम और लक्ष्मण की भक्ति के माध्यम से यह दर्शाया गया है कि कैसे ये पात्र अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाते हैं। इस काव्य में प्राकृतिक सौंदर्य, मानव भावनाओं, त्याग और प्रेम का अद्भुत समन्वय है। पञ्चवटी में निवास करते हुए राम और सीता ने जो अनुभव किए, वे केवल उनके व्यक्तिगत जीवन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि एक आदर्श जीवन जीने की प्रेरणा भी देते हैं। कविता का अंत प्रेरणादायक है, जिसमें यह संदेश है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना करते हुए भी हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और अपने आदर्शों को नहीं छोड़ना चाहिए। इस प्रकार, "पञ्चवटी" एक गहन भावनात्मक और दार्शनिक काव्य है, जो पाठकों को जीवन के विभिन्न पहलुओं पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है।
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