दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी विश्वकोश के संपादन और प्रकाशन की प्रक्रिया का वर्णन किया गया है। नागरीप्रचारिणी सभा, वाराणसी द्वारा 1954 में हिंदी में एक मौलिक और प्रामाणिक विश्वकोश के निर्माण की योजना प्रस्तुत की गई थी, जिसका उद्देश्य ज्ञान और संस्कृति के विभिन्न क्षेत्रों में बढ़ते ज्ञान को संक्षिप्त और स्पष्ट रूप में प्रस्तुत करना था। पाठ में उल्लेख किया गया है कि विश्वकोश का निर्माण लगभग 1000 पृष्ठों के 30 खंडों में किया जाएगा और इसे पूरा करने में 10 वर्ष और 22 लाख रुपये का खर्च आएगा। इसके बाद, भारत सरकार ने एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया, जिसने सुझाव दिया कि विश्वकोश को पहले 10 खंडों में प्रकाशित किया जाए, जिसमें प्रत्येक खंड में 500 पृष्ठ हों। इस प्रकार, पाठ में हिंदी विश्वकोश के महत्व, उसकी आवश्यकता और निर्माण की प्रक्रिया का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया है, जिसमें विभिन्न विद्वानों और विशेषज्ञों की भूमिका भी शामिल है।


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