शरीर विज्ञानं और स्वास्थय | Sharir Vigyan aur Swasthya

- श्रेणी: Ayurveda | आयुर्वेद Health and Wellness | स्वास्थ्य
- लेखक: रानी टंडन - Rani Tandan
- पृष्ठ : 274
- साइज: 7 MB
- वर्ष: 1955
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दो शब्द :
यह पाठ विभिन्न संस्करणों की भूमिका प्रस्तुत करता है, जिसमें लेखिका ने अपनी पुस्तक के तृतीय और चतुर्थ संस्करण के बारे में जानकारी दी है। लेखिका ने बताया है कि इस पुस्तक को विशेष रूप से छात्रों के लिए लिखा गया है और यह उन्हें उपयोगी सिद्ध हुई है। तृतीय संस्करण में कई आवश्यक परिवर्तनों के साथ अद्यतन किया गया है, जबकि चतुर्थ संस्करण में नवीन पाठ्यक्रम के अनुसार संशोधन किए गए हैं। अध्याय सात और आठ अब हाईस्कूल परीक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल नहीं हैं, फिर भी उन्हें पुस्तक से नहीं निकाला गया है क्योंकि उनका साधारण ज्ञान अन्य विषयों को समझने में सहायक हो सकता है। इसके बाद विषय-सूची दी गई है, जिसमें विभिन्न अध्यायों का संक्षेप में उल्लेख किया गया है, जैसे शरीर विज्ञान, रक्त, श्वास प्रणाली, पोषण, स्वच्छता, व्यायाम, स्वास्थ्य और रोग, आदि। पुस्तक के प्रारंभ में जीवित और अजीवित वस्तुओं के बीच के अंतर को समझाया गया है। जीवित वस्तुओं में गति, सचेतनता और उत्पादन करने की क्षमता होती है, जबकि अजीवित वस्तुओं में यह गुण नहीं होते। जीव विज्ञान को दो मुख्य भागों में बांटा गया है: वनस्पति विज्ञान और जन्तु विज्ञान। लेखिका ने मनुष्य शरीर के अध्ययन के लिए विभिन्न दृष्टिकोणों का उल्लेख किया है, जिसमें शरीर की संरचना और कार्यों का अध्ययन शामिल है। अंत में, मनुष्य के शरीर की संरचना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसमें हड्डियों के ढांचे का महत्व और शरीर के विभिन्न अंगों का विवरण शामिल है। इस प्रकार, पाठ शारीरिक विज्ञान और स्वास्थ्य के महत्व को समझाने के लिए एक ठोस आधार प्रस्तुत करता है।
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