पाश्चात्य राजनीतिक चिंतन का इतिहास | Paschatya Rajneetik Chintan Ka Itihas
- श्रेणी: Freedom and Politics | आज़ादी और राजनीति इतिहास / History
- लेखक: गंगाबत तिवारी - Gangabat Tiwari
- पृष्ठ : 684
- साइज: 58 MB
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दो शब्द :
इस पाठ का सारांश इस प्रकार है: पाश्चात्य राजनीतिक चिन्तन का आरंभ ग्रीस में हुआ, जहाँ सुकरात, प्लेटो और अरस्तु जैसे विचारक हुए। सुकरात के विचारों में क्रमबद्धता का अभाव था, लेकिन उसके शिष्य प्लेटो ने उन्हें व्यवस्थित किया और राजनीतिक चिन्तन को एक दर्शन का रूप दिया। अरस्तु ने इसे वैज्ञानिक और शास्त्रीय दृष्टिकोण से आगे बढ़ाया। राजनीतिक चिन्तन का इतिहास ग्रीक, रोमन, मध्य युग, राष्ट्रीय राजतंत्रों के विकास और आधुनिक युग में विभाजित किया गया है। पुस्तक का उद्देश्य भारतीय विश्वविद्यालयों में राजनीति-शास्त्र के अध्ययन के लिए एक उपयोगी संदर्भ प्रदान करना है, खासकर हिन्दी में। पाठकों और प्राध्यापकों के सुझावों के अनुसार इस संस्करण में आवश्यक संशोधन किए गए हैं। ग्रंथ में ग्रीस की राजनीतिक संस्थाओं, प्लेटो के आदर्शवाद, अरस्तु के वैज्ञानिक दृष्टिकोण, रोमन राजनीतिक विचार, मध्य युग की चर्च और ईसाई धर्म की भूमिका, तथा आधुनिक राजनीतिक विचारकों जैसे मैकियाविली, लॉक, मांटेस्क्यू और मार्क्स के विचारों का समावेश है। ग्रीस के एथेंस नगर को राजनीतिक चिन्तन का प्रमुख केंद्र माना गया है, जहाँ से राजनीतिक विचारों का विकास हुआ। इस प्रकार, यह पाठ पाश्चात्य राजनीतिक चिन्तन के विकास, प्रमुख विचारकों और उनके योगदान पर प्रकाश डालता है, और साथ ही भारतीय छात्रों के लिए इसे समझने में सरल बनाने का प्रयास करता है।
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