अपने अपने चार बरस | Apne Apne Chaar Baras

By: अमृता प्रीतम - Amrita Pritam
अपने अपने चार बरस | Apne Apne Chaar Baras by


दो शब्द :

इस पाठ में सपनों के महत्व और उनकी मनोवैज्ञानिक व्याख्या पर विचार किया गया है। लेखक अमृता प्रीतम ने विभिन्न लेखकों और कलाकारों के सपनों के अनुभवों को साझा किया है और यह दर्शाया है कि सपने केवल अचेतन मन की अभिव्यक्ति नहीं होते, बल्कि वे व्यक्ति के जीवन, कला और रचनात्मकता का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। पाठ में उल्लेखित है कि मनुष्य अपनी नींद के दौरान लगभग डेढ़ घंटे सपनों में बिताता है, जो उनकी अचेतन इच्छाओं, चिंताओं और भावनाओं का प्रतिबिंब होते हैं। लेखक ने प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिकों, जैसे कि सिगमंड फ्रायड, के दृष्टिकोण का उल्लेख किया है, जिन्होंने सपनों को मानव मन की गहराईयों से जोड़कर देखा। अमृता प्रीतम ने कई उदाहरण दिए हैं, जैसे कि मक्सिम गोर्की और तालस्ताय के सपनों का वर्णन, जो दर्शाते हैं कि कैसे सपने जीवन के अनुभवों और भावनाओं से जुड़े होते हैं। इसके अलावा, यह भी कहा गया है कि कलाकारों के सपनों का उनके काम पर गहरा असर पड़ता है, और वे अक्सर अपने सपनों को अपनी कला में व्यक्त करते हैं। आखिर में, लेखक यह संकेत करते हैं कि सपनों की व्याख्या करना केवल मनोवैज्ञानिक का कार्य है, और वे अपने अनुभवों और विचारों को साझा करते हुए यह दर्शाते हैं कि हर व्यक्ति के सपने उसकी व्यक्तिगत यात्रा और पहचान का हिस्सा होते हैं।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *