मध्यकालीन भारत | Madhyakaleen Bharat

By: अज्ञात - Unknown


दो शब्द :

इस पाठ में इस्लाम धर्म के उदय और भारतीय उपमहाद्वीप में इसके आगमन का वर्णन किया गया है। मुहम्मद साहब का जन्म सन् 570 ईस्वी में हुआ था, और उन्होंने एक नए धर्म इस्लाम का प्रचार 620 ईस्वी से शुरू किया। मक्का में उन्हें काफी विरोध का सामना करना पड़ा, जिसके कारण उन्होंने मदीना जाकर अपने धर्म का प्रचार जारी रखा। इस्लाम के सिद्धांत सरल और स्पष्ट थे, जो कि लोगों को आकर्षित करते थे। मुहम्मद साहब ने एक ईश्वर, अल्लाह पर विश्वास करने की शिक्षा दी और कुरान को इस्लाम का मूल ग्रंथ बनाया। मुसलमानों के लिए नमाज, रोजा और हज जैसे कर्तव्यों का पालन करना अनिवार्य था। अरबों ने सन् 711 में सिंध पर आक्रमण किया, जिसका नेतृत्व मुहम्मद बिन कासिम ने किया। इस आक्रमण का मुख्य कारण सिंध के राजा दाहिर का अरबों के समुद्री डाकुओं के खिलाफ कोई कार्रवाई न करना था। दाहिर की हार के बाद अरबों ने सिंध पर अधिकार कर लिया और वहां प्रशासनिक व्यवस्था को बनाए रखा। अरबों ने सिंध में धार्मिक सहिष्णुता की नीति अपनाई और हिन्दू जनसंख्या को अपने धर्म का पालन करने की स्वतंत्रता दी। इस प्रकार, इस्लाम धर्म का विस्तार भारत में हुआ और अरबों का शासन सिंध में स्थापित हुआ, जो कुछ समय तक बना रहा। पाठ में भारतीय राजनैतिक परिदृश्य की भी चर्चा की गई है, जिसमें कन्नौज के राजा गंशोवर्मा और कश्मीर के राजा ललितादित्य का जिक्र किया गया है, जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण विजय प्राप्त की। इस प्रकार, पाठ इस्लाम के उदय और भारतीय उपमहाद्वीप में इसके प्रभाव का एक संक्षिप्त वर्णन प्रस्तुत करता है।


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