राधा कृष्णा-ग्रंथावली | Radha Krishna Granthavali

By: श्यामसुंदर दास - Shyam Sundar Das
राधा कृष्णा-ग्रंथावली | Radha Krishna Granthavali by


दो शब्द :

इस पाठ में बाबू राधाकृष्णदास की कविताओं, लेखों, जीवनचरित्रों और नाटकों का संग्रह प्रस्तुत किया गया है। इस संग्रह का संपादन श्यामसुंदरदास ने किया है। राधाकृष्णदास ने हिंदी साहित्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया और उन्हें हिंदी भाषा और साहित्य की सेवा में एक खास स्थान प्राप्त था। वे भारतेंदु हरिश्चंद्र की परंपरा को आगे बढ़ाने वाले थे और उन्होंने हिंदी साहित्य के उत्थान के लिए कई प्रयास किए। इस संग्रह में उनकी रचनाओं के साथ-साथ उनके जीवन की महत्वपूर्ण बातें भी शामिल की गई हैं। पहले खंड में उनकी कविताएँ, लेख, और नाटक शामिल हैं, जबकि दूसरे खंड में उपन्यास और आख्यायिकाएँ शामिल करने की योजना है। संपादक ने राधाकृष्णदास के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की है और यह भी बताया है कि उनके मित्र बाबू कातिकप्रसाद खत्री ने उन्हें हिंदी साहित्य की सेवा के लिए प्रेरित किया। संग्रह में राधाकृष्णदास की रचनाओं का समावेश किया गया है, जो हिंदी प्रेमियों के लिए महत्वपूर्ण हैं। संपादक ने पाठकों से अपील की है कि वे इस संग्रह का सम्मान करें और राधाकृष्णदास की स्मृति को जीवित रखने में योगदान दें।


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