द्विवेदी युग का हिंदी काव्य | Dwivedi Yug Ka Hindi Kavya

By: रामसकल राय शर्मा - Ramsakal Ray Sharma
द्विवेदी युग का हिंदी काव्य  | Dwivedi Yug Ka Hindi Kavya by


दो शब्द :

इस पाठ में हिंदी कविता के द्विवेदी युग पर आधारित शोध-कार्य और उसके महत्व को विस्तार से बताया गया है। लेखक ने अपनी भूमिका में संकेत किया है कि पिछले वर्षों में उन्होंने सागर विश्वविद्यालय में हिंदी विभाग के अध्यक्ष के रूप में कार्य करते हुए कई शोध-प्रबंधों का निष्पादन किया। उन्होंने द्विवेदी युगीन काव्य पर शोध-कार्य किया है, जिसमें कवियों और साहित्यिक प्रवृत्तियों का समग्र विवेचन किया गया है। लेखक ने यह भी उल्लेख किया कि हिंदी में स्वतंत्र जीवनी लेखन की कमी के कारण शोध कार्य में कठिनाइयाँ आती हैं, इसलिए उन्होंने अपने अनुसंधान का दायरा विस्तारित किया। इस पुस्तक में द्विवेदी युग के काव्य का विश्लेषण किया गया है, जिसमें काव्य विषय, भाषा, रूप, और रचना की योजना का गहन विवेचन किया गया है। पुस्तक के अध्ययन से द्विवेदी युग के काव्य का सही और समग्र परिचय प्राप्त होता है। शोध-प्रबंध की सराहना करते हुए कई विद्वानों ने इसके महत्व को स्वीकार किया है, यह बताते हुए कि यह अध्ययन द्विवेदी युग के कवियों और उनकी कृतियों का एक व्यवस्थित और पूर्ण दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है। इस युग की कविता को भारतीय संस्कृति और राष्ट्रीय चेतना से जोड़ा गया है, जिसमें कवियों ने सामाजिक मुद्दों पर अपनी सृजनात्मकता को अभिव्यक्त किया। लेखक ने यह भी बताया कि इस युग का काव्य स्पष्ट और निष्ठावान है, जिसमें आत्मीयता और गहनता है, जो इसे अद्वितीय बनाती है। अंत में, यह स्पष्ट किया गया है कि यह शोध-प्रबंध न केवल द्विवेदी युग के काव्य की गहरी समझ प्रदान करता है, बल्कि भविष्य में हिंदी साहित्य के अध्ययन में भी महत्वपूर्ण योगदान देने की क्षमता रखता है।


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