पाली व्याकरण | Pali Vyakaran
- श्रेणी: Grammar/व्याकरण भाषा / Language
- लेखक: भिक्षु धर्मरक्षित - Bhikshu dharmrakshit
- पृष्ठ : 536
- साइज: 11 MB
- वर्ष: 1963
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दो शब्द :
इस पाठ में भारत के राष्ट्रीय गान और गान के विभिन्न अंशों का उल्लेख किया गया है। "वन्दे मातरम्" और "जन-गण-मन" जैसे गान भारतीय संस्कृति और एकता का प्रतीक हैं। इन गानों में मातृभूमि के प्रति श्रद्धा, प्रेम और समर्पण की भावना व्यक्त की गई है। इसके अलावा, पाठ में बौद्ध धर्म के उदय और उसके समय की धार्मिक स्थिति का भी उल्लेख है। यह बताया गया है कि बुद्ध का समय नए विचारों का समय था, जहाँ विभिन्न धर्मों और सिद्धांतों की मीमांसा हो रही थी। बुद्ध ने अंधविश्वास और सामाजिक अराजकता के बीच एक नई दिशा दी और शील, समाधि और प्रज्ञा के माध्यम से एक संतुलित धार्मिक व्यवस्था की स्थापना की। पाठ में बौद्ध धर्म के समकालीन विचारकों का उल्लेख भी है, जो विभिन्न मतों और आस्थाओं के साथ समाज में विद्यमान थे। बुद्ध का उद्देश्य मानवता के दुखों को दूर करना और सही ज्ञान की ओर मार्गदर्शन करना था। उन्होंने यह सिखाया कि आत्मा की पहचान और निर्वाण की प्राप्ति के लिए व्यक्तिगत प्रयास आवश्यक है। इस प्रकार, पाठ में भारतीय राष्ट्रीयता, बौद्ध धर्म की विचारधारा, और उस समय के सामाजिक-धार्मिक परिवेश का समावेश है।
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