मेरी जीवन यात्रा वोल.-१ | Meri Jeevan Yatra Vol.-1

By: राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan
मेरी जीवन यात्रा वोल.-१ | Meri Jeevan Yatra Vol.-1 by


दो शब्द :

यह पाठ राहुल सांकृत्यायन की जीवनी और उनकी यात्राओं के बारे में है। लेखक ने अपने जीवन के विभिन्न अनुभवों को साझा किया है, जिसमें उनकी यात्रा की शुरुआत, विभिन्न स्थानों पर रुकने और वहां के लोगों के साथ उनके संबंधों का वर्णन किया गया है। वे यात्रा के दौरान अपने विचारों और दर्शन को भी व्यक्त करते हैं। लेखक अपने जीवन के पहले भाग का उल्लेख करते हुए बताते हैं कि उन्होंने पहले से कुछ लिखा था, लेकिन कई कारणों से वह पाठकों तक नहीं पहुंचा। वे पाठकों को अपनी लेखनी के प्रति आश्वस्त करते हैं कि वे निरंतर लिखते रहेंगे। पाठ में यात्रा की योजना, यात्रा के अनुभव और उनके विचारों की गहराई को दर्शाया गया है। किसी स्थान पर रुकने के दौरान लेखक ने देखा कि लोग कैसे अपने पारिवारिक और सामाजिक संबंधों को बनाए रखते हैं। उन्होंने धूपनाथ जैसे व्यक्तियों के साथ अपने अनुभव साझा किए हैं, जो स्नेही और उदार थे। लेखक ने अपने सफर के दौरान अपने विचारों में बदलाव और आस्था की ओर बढ़ने का भी उल्लेख किया है। इसके अलावा, लेखक ने विभिन्न स्थानों की प्राकृतिक सुंदरता और वहां के सांस्कृतिक पहलुओं का वर्णन किया है। उनकी यात्रा में कई स्थलों का उल्लेख है, जैसे लंका, नेपाल, तिब्बत, जापान, और सोवियत संघ, जहां उन्होंने विभिन्न संस्कृतियों का अनुभव किया और अपने विचारों को समृद्ध किया। इस तरह, पाठ में लेखक की जीवन यात्रा, उनके अनुभव और विचारों का विस्तार से वर्णन किया गया है, जो पाठकों को प्रेरित करता है।


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