हवा के घोड़े | Hawa ke Ghode
- श्रेणी: उपन्यास / Upnyas-Novel साहित्य / Literature
- लेखक: सआदत हसन मंटो - Saadat Hasan Manto
- पृष्ठ : 126
- साइज: 3 MB
- वर्ष: 1956
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दो शब्द :
इस पाठ में एक युवा पुरुष, सैय्यद, के प्यार की खोज और उसके अनुभवों का वर्णन किया गया है। सैय्यद एक 20 वर्षीय युवक है, जो अपने दोस्तों के प्यार की कहानियों से प्रभावित है, लेकिन खुद प्यार में असफल है। वह महसूस करता है कि उसके जीवन में प्यार का अभाव है, और जब वह अपने मित्रों की प्रेम कहानियों को देखता है, तो उसे अपने हृदय की खालीपन का अहसास होता है। सैय्यद का मानना है कि प्यार और जीवन एक-दूसरे से जुड़े हुए हैं और यह दोनों एक रथ के पहियों की तरह हैं। वह चाहता है कि उसका प्यार वास्तविक और स्थायी हो, न कि केवल क्षणिक और superficial। उसकी सोच में समाज की बुराइयाँ और जाति-धर्म के बंधन शामिल हैं, जो प्यार में बाधा डालते हैं। वह ऐसे प्यार से दूर रहना चाहता है जो केवल बाहरी आकर्षण पर आधारित हो। पाठ में यह भी बताया गया है कि सैय्यद ने एक लड़की को देखा जो उसे आकर्षित करती है, लेकिन उसके मन में उससे प्यार करने का विचार नहीं आता। उसकी निराशा और प्यार की खोज उसे लगातार परेशान करती है। वह समाज की वास्तविकताओं से जूझता है और यह सोचता है कि प्यार केवल एक बार आता है, और वह उसकी प्रतीक्षा करता है। सैय्यद के विचारों में समाज के प्रति एक अनुकूलन की आवश्यकता है, जो प्यार की सच्चाई को समझे और उसे स्वीकार करे। वह बदलाव की आवश्यकता महसूस करता है ताकि समाज में वास्तविक प्यार की अनुमति दी जा सके। पाठ अंततः इस बात पर जोर देता है कि प्यार की तलाश में जो निराशा और संघर्ष सैय्यद अनुभव करता है, वह उसके और समाज के बीच के जटिल संबंधों को दर्शाता है।
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