कृष्णार्जुन युद्ध नाटक | KrishnArjun Yudh Natak

By: माखनलाल चतुर्वेद्दी - Makhanlal Chaturvedi
कृष्णार्जुन युद्ध नाटक | KrishnArjun Yudh Natak by


दो शब्द :

यह पाठ "कृष्णाजन-युद्ध" नाटक का परिचय और उसकी प्रशंसा पर केंद्रित है। इस नाटक के लेखक माखनलाल चतुर्वेदी हैं, जिन्होंने इसे जबलपुर के हिन्दी साहित्य सम्मेलन में प्रस्तुत किया। इस नाटक की भावना और भाषा की गहराई ने दर्शकों को प्रभावित किया और इसे बार-बार मंच पर प्रस्तुत करने का अनुरोध किया गया। नाटक के लेखक को उनके साहित्यिक योगदान के लिए विशेष सम्मान मिला है। नाटक के पात्रों में विभिन्न देवताओं, ऋषियों, और पांडवों का समावेश है। नाटक की सेटिंग देवगणों के बीच होती है, जहां विभिन्न पात्र एक-दूसरे से संवाद करते हैं। यह नाटक न केवल एक कथा का प्रदर्शन है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और धार्मिकता का भी प्रतिनिधित्व करता है। लेखक की शैली को दर्शाते हुए, पाठ में उनके कार्यों की प्रशंसा की गई है, जिसमें उनकी साहित्यिक प्रतिभा और समाज में उनके योगदान का उल्लेख किया गया है। पाठ में यह भी बताया गया है कि यह नाटक शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण स्थान रखता है और विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है। इस प्रकार, "कृष्णाजन-युद्ध" नाटक न केवल एक मनोरंजक प्रस्तुति है, बल्कि यह भारतीय साहित्य के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी भी है, जो लेखक और उनके विचारों की महत्ता को उजागर करती है।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *