गणित का इतिहास | Ganit Ka Itihas
- श्रेणी: इतिहास / History गणित / Mathematics
- लेखक: डॉ० ब्रज मोहन - Dr. Brajmohan
- पृष्ठ : 552
- साइज: 13 MB
- वर्ष: 1965
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दो शब्द :
गणित का इतिहास एक विस्तृत और गहन विषय है, जिसका अध्ययन करने के लिए इसे विभिन्न शाखाओं में बांटा गया है। डा. ब्रज मोहन ने अपनी पुस्तक में भारतीय गणितज्ञों के योगदान को उजागर किया है, जो पश्चिमी इतिहासकारों द्वारा उपेक्षित रह गए थे। यह पुस्तक गणित के विकास और उसके विभिन्न पहलुओं को सरल और सहज भाषा में प्रस्तुत करती है, ताकि छात्र और सामान्य पाठक दोनों को लाभ हो सके। गणित की शुरुआत अंकगणित से हुई और समय के साथ बीजगणित, रेखागणित, त्रिकोणमिति, और ज्योतिष जैसे अन्य क्षेत्रों में इसका विस्तार हुआ। गणित और ज्योतिष का संबंध भी महत्वपूर्ण है, जहां गणित ज्योतिष का सहायक बना। आधुनिक गणित में चार मुख्य अंग हैं: शुद्ध गणित, प्रयोजित गणित, ज्योतिष, और सांख्यिकी। शुद्ध गणित का इतिहास लिखते समय, लेखकों को विभिन्न गणितज्ञों के कार्यों और उनके योगदान को ध्यान में रखना होता है। डा. ब्रज मोहन ने इस पुस्तक में गणितज्ञों की जीवनी और उनके कार्यों का विस्तृत विवरण दिया है, जिससे पाठक उनके योगदान को समझ सकें। इस ग्रंथ में गणित के क्षेत्र में हुई प्रगति और विशेषकर भारतीय गणितज्ञों के योगदान को रेखांकित किया गया है। इसके माध्यम से पाठक गणित के इतिहास को समझने में सक्षम होंगे और साथ ही यह भी जान पाएंगे कि कैसे गणित ने विभिन्न विज्ञानों के साथ मिलकर विकास किया है। अंत में, डा. ब्रज मोहन ने इस पुस्तक के माध्यम से गणित के क्षेत्र में किए गए अनुसंधान और विकास का संकलन प्रस्तुत किया है, जो कि भविष्य में पाठकों और विद्यार्थियों के लिए एक महत्वपूर्ण संदर्भ होगा।
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