मेरी जीवन- यात्रा | Meri Jeevan-Yatra

By: राहुल सांकृत्यायन - Rahul Sankrityayan
मेरी जीवन- यात्रा  | Meri Jeevan-Yatra by


दो शब्द :

यह पाठ "मेरे जीवन-यात्रा" का एक अंश है, जिसमें लेखक अपनी प्रारंभिक जीवन की यात्रा का वर्णन करते हैं। लेखक का जन्म 9 अप्रैल 1893 को एक साधारण परिवार में हुआ था। उनका परिवार ग्रामीण पृष्ठभूमि से था, जहां उनके माता-पिता मेहनत करके जीवन यापन करते थे। उनके पिता के पास कुछ कृषि भूमि थी और वे बैल और भैंस पालते थे। लेखक अपनी दादी को एक साधारण, स्वस्थ और कोमल दिल वाली महिला के रूप में याद करते हैं, जो घर के कामकाज के साथ-साथ भजन गाने में भी रुचि रखती थीं। उनके पिता, गोवर्मन पांडे, एक धार्मिक व्यक्ति थे, जो पूजा-पाठ और अध्ययन में रुचि रखते थे, लेकिन उनकी स्वास्थ्य समस्याएं थीं। लेखक ने अपने बचपन की कुछ यादें साझा की हैं, जैसे अकाल के दिनों में गांव की स्थिति, जब लोग अपने घर छोड़कर भागे थे। उन्होंने अपने बचपन के खेल और नानी के घर में बिताए गए समय का भी जिक्र किया। उनकी दादी ने उन्हें जीवन के पहले पांच वर्षों में अच्छे से पाला है। लेखक के अनुसार, उनके माता-पिता दीर्घजीवी थे, लेकिन उनकी मां की मृत्यु जल्दी हुई। लेखक के जीवन में दादी का बहुत प्रभाव रहा, और उन्होंने अपने पोते के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, लेखक ने अपने बचपन के दोस्तों और खेलों का भी उल्लेख किया है, जो उनकी यादों का हिस्सा हैं। कुल मिलाकर, यह अंश लेखक की प्रारंभिक जीवन की परिस्थितियों, परिवार, और उनके बचपन की यादों को समेटे हुए है, जो उनके जीवन के विकास में महत्वपूर्ण रही हैं।


Please share your views, complaints, requests, or suggestions in the comment box below.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *